Jhootha Hai Sansar Rain Ka Sapna Hai Lyrics
झूठा है संसार रैन का सपना है।
किसे करे तूँ प्यार कोए न अपना है।।
झूठा है संसार रैन का सपना है।
किसे करे तूँ प्यार कोए न अपना है।।
जीवन के सफर में राही, जरा रखना कदम सम्भल के।
तूँ बहक न जाना पगले,मंजिल के पास निकल के।
तुझे टपना है।।
ये हुश्न ये मस्त जवानी,जीवन की लहर तरंगें।
ये बाग बगीचे पगले,खिल रहे है रंग बिरंगे।
एक दिन बचना है।।
माया के मतवाले, पलपल में उम्र ढली जा।
इस कालबली के चक्कर मे,चक्की में दाल दली जा।
खाक में खपना है।।
आया था ब्याज कमाने, ना बाकी मूल रहा है।
ओ बन्दे रे मन मूर्ख, तुं तो बिल्कुल भूल रहा है।
हरि को भी रटना है।।
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