ॐ भूर् भुवः सुवः Om Bhur Bhuva Swaha In Hindi

Om Bhur Bhuva Swaha In Hindi:- गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है और इस मन्त्र का उच्चारण कोई भी इंसान कर सकता हैं। इस मंत्र का उच्चारण ब्रह्मा, विष्णु और शिव की आराधना में भी किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति, ज्ञान और सद्बुद्धि प्राप्त होती है।


Om Bhur Bhuva Swaha In Hindi

ॐ भूर् भुवः सुवः ।
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो॑ देवस्यधीमहि ।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

गायत्री मंत्र का अर्थ हिंदी में

हे पृथ्वी, हे आकाश, हे स्वर्ग!
हम वह परम दिव्य स्वरूप सूर्य की ओर ध्यान करते हैं।
हम उस दिव्य तेजस्वी देवता की प्रार्थना करते हैं
कि वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।

गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है और इसे सभी वर्गों के लोग उच्चारण कर सकते हैं। इस मंत्र का उच्चारण ब्रह्मा, विष्णु और शिव की आराधना में भी किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति, ज्ञान और सद्बुद्धि प्राप्त होती है।

Om Bhur Bhuva Swaha Hindi Meaning

ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण्यं = सबसे उत्तम
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी,
प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)

ॐ भूर् भुवः सुवः मंत्र का उच्चारण क्यों करें?

  • ॐ भूर् भुवः सुवः मंत्र का उच्चारण ध्यान और धारणा में सहायता करता है। यह एक मन्त्रात्मक उपासना का हिस्सा होता है और इसके उच्चारण से चित्त को शांति और स्थिरता मिलती है। इसका उच्चारण आत्मिक एवं मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है और मन को स्थिर और शांत करता है।
  • इसका उच्चारण शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। इसके उच्चारण से व्यक्ति के शरीर में प्राणिक ऊर्जा का संचार होता है और उसके शरीर की ऊर्जा का स्तर उठता है।
  • इस मंत्र का उच्चारण ध्यान और मेधा को बढ़ावा देता है। यह मंत्र ध्यान को स्थिर और गहरा करने में मदद करता है और मन की सामर्थ्य को बढ़ाता है।
  • इसके अतिरिक्त, यह मंत्र सृष्टि की सृजनशीलता, सामर्थ्य और उत्पादन शक्ति को प्रकट करने में मदद करता है। इसका उच्चारण सृष्टि के संचालन और नियंत्रण में सहायता करता है।
  • यदि आप यह मंत्र उच्चारण करना चाहते हैं, तो इसे नियमित और ध्यानपूर्वक उच्चारित करें। इसे सुबह और शाम में ध्यान के समय उच्चारित करना फायदेमंद होता है।

गायत्री मंत्र का उच्चारण कब करें ?

इस मंत्र का प्रातःकाल और सायंकाल में उच्चारण विशेष रूप से जरुरी होता है। सवेरे उठते ही या संध्या (दिन छिपने ) के समय इस मंत्र के जाप से मानसिक और आध्यात्मिक तनाव कम होता है और मन को शांति प्राप्त होती है। इसके उच्चारण से ध्यान और मेधा शक्ति विकसित होती है और ब्रह्मचर्य को स्थायी बनाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, आप जब भी चाहें, जब भी ध्यान की आवश्यकता हो या जब भी आपको शांति, उज्ज्वलता और आध्यात्मिक संयम की आवश्यकता हो, उस समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

ध्यान देने योग्य स्थानों, पंथ, मंदिर, योगाभ्यास केंद्र, वन, गंगा तट, या अपने अध्यात्मिक आवास में इस मंत्र का उच्चारण करने का प्रयास करें। आप एकांत में या समूह में इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके लिए अपने साथ जाप माला रखना उचित होगा।

सार्वजनिक जगहों में, धार्मिक आयोजनों में, सत्संगों में, योग शिविरों में या अपने आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।

सुनिश्चित करें कि आपके मन में स्थिरता हो, ध्यान केंद्रित हो और आध्यात्मिक भावना उमड़े, जब आप इस मंत्र का उच्चारण कर रहे हों। ध्यान और नियमितता के साथ, गायत्री मंत्र का जाप करना आपको मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ प्रदान कर सकता है।

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