Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics “या देवी सर्वभूतेषु” का मंत्र मां दुर्गा को बहुत प्रिय है। इस मंत्र को सनातन धर्म में मां दुर्गा की पूजा और आराधना में उच्चारण किया जाता है। जब हम इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हमे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती हैं और सभी नकारात्मकताओं और भयानकताओं से सुरक्षा प्राप्त करते हैं। इस मंत्र का जाप से मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद हम पर सदा बनी रहती हैं।
Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics Hindi
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्य भिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु छाया-रुपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषू लज्जा-रुपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु व्रती-रुपेणना संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु स्मृती-रुपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु भ्राँति-रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इन्द्रियाणा मधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या |
भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नमः ||
चितिरुपेण या कृत्स्नम एतत व्याप्य स्थितः जगत
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
Ya Devi Sarvabhuteshu Lyrics Hindi Meaning
हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो।
कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो।
शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।
उस देवी के लिए जो सभी जीवों में विष्णुमाया कहलाती है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
(चेतना – स्वयं के और अपने आसपास के वातावरण के तत्वों का बोध होने,
उन्हें समझने तथा उनकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति)
जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है.
जो देवी सभी प्राणियों में आराम, नींद के रूप में विराजमान हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी समस्त प्राणियों में भूख के रूप में विराजमान हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
उस देवी के लिए जो सभी जीवों में छाया के रूप में रहती है (उच्च स्व की),
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सभी प्राणियों में चाहत के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में सहनशीलता, क्षमा के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जाति – जन्म, सभी वस्तुओ का मूल कारण जो देवी सभी प्राणियों का मूल कारण है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
उस देवी के लिए जो सभी प्रकारों में नम्रता का रूप धारण कर रही है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी समस्त प्राणियों में शान्ति के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार,
नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी समस्त प्राणियों में श्रद्धा, आदर, सम्मान के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।
जो देवी सभी प्राणियों में तेज, दिव्यज्योति, उर्जा रूप में विद्यमान हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में लक्ष्मी, वैभव के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
उस देवी के लिए जो सभी प्रकार की गतिविधियों में शामिल हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
उस देवी को, जो सभी जीवों में स्मृति के रूप में निवास कर रही है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सब प्राणियों में सन्तुष्टि के रूप में विराजमान हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
उस देवी के लिए जो सभी जीवों में भ्रम के रूप में रहती है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
(प्रणाम) उस देवी को, जो सभी संसारों में बीन्स के सत्रों के संकाय का संचालन करती है,
उनको नमस्कार जो देवी है जो हमेशा सभी लोगों को प्यार करती है।
(उनको नमस्कार) चेतना के रूप में कौन इस ब्रह्मांड में व्याप्त है और इसमें निवास करता है,
उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
